July 23, 2024
Devar Bhabhi Ki Chudai Ki Kahani

आज की readxxstories.com की xxx कहानी, देवर भाभी की चुदाई की कहानी (Devar Bhabhi Ki Chudai Ki Kahani) की है। पढ़िए कैसे एक देवर ने अपनी भाभी की चुदाई का मजा लिया।

दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है, अगर मुझसे कोई गलती हो जाए तो माफ करना। आज मैं आपको एक कहानी बताने जा रहा हूं, ये एक दम सच्ची घटना है। मैंने कभी सोचा नहीं था, कि मैं कभी ये भी कर सकता हूं।

मेरा नाम दिलीप है, मैं दिल्ली के महिपालपुर में रहता हूँ। और मैं 19 साल का लड़का हूं। मेरे लंड का साइज 7 इंच है, और मैं दिखने में एक सीधा साधा लड़का हूं। मेरे परिवार में हम दो भाई और मेरे पापा और मेरे बड़े भाई हैं।

मेरे बड़े भाई का नाम दिनेश है, और मेरी भाभी का नाम कोमल है। उनके बूब्स का आकार 34 है और उनकी मस्त मोटी गांड (Moti Gand) है। जब वो बाहर जाती है तो उनको देख कर अच्छे-अच्छो का लंड खड़ा हो जाता है।

क्या आप भी ऐसी चुदाई का मजा लेना चाहते हैं तो Mahipalpur Escorts से लड़कियां बुक करके आप अपनी अंतर्वासना को शांत कर सकते हैं.

हमारा एक जर्नल स्टोर है, मेरे भाई दुकान पर पापा के साथ बैठते हैं। उस समय मैं पढ़ाई करता था, और मैंने इंटरनेट पर हिंदी सेक्स स्टोरीज (Hindi Sex Stories) पढ़ना शुरू किया था।

मुझे देवर भाभी की चुदाई की कहानी पढ़ना बहुत अच्छा लगता था, और मेरा ध्यान धीरे-धीरे अपनी भाभी की तरफ जाने लगा।

अब मैं अपनी भाभी को पटाने की कोशिश करने लग गया। फिर मैंने कुछ करने की सोची ताकि मैं अपनी भाभी से मजे ले सकू।

तभी एक दिन मेरा भाई किसी काम से एक दिन के लिए शहर से बाहर चला गया, तो मुझे भाभी के साथ कुछ करने का मौका मिल गया। अब मैं इस मोके का फ़्यादा उठाने की सोचने लग गया।

मैं भाभी के कमरे में जा कर टीवी देखने लग गया, तभी कुछ देर बाद भाभी भी कमरे में आ गयी। थोड़ी देर तक हमने बातें की और हम टीवी देखने लग गए, तभी भाभी बोली- मुझे नींद आ रही है।

मैं- भाभी आप सो जाओ, मैं थोड़ी देर तक टीवी देखूंगा।

भाभी- ठीक है।

फिर वो बिस्तर पर लेट कर सो गई, मैंने थोड़ी देर तक टीवी देखा और मैंने देखा कि भाभी सो गई है। तो मैं टीवी बंद करके वहीं पर सो गया, मैं अपने पैरो से हरकत करने लग गया।

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मैं अपने पैरो को उनके पैरो पर रख दिया और अपने पैरो को धीरे-धीरे उनके ऊपर बढ़ाने लग गया।

तभी एक दम से भाभी ने करवट ली और उनकी कमर मेरी तरफ हो गई, तो थोड़ी देर के लिए मैं रुक गया। कुछ समय इंतजार करने के बाद मैंने फिर से अपने पैरो को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया।

धीरे-धीरे मेरे पैर भाभी की जांघ की बीच में आ गए। तभी एक दम से उन्होंने अपने पैरो को इकट्ठा करके मेरे पैरो पर थोड़ा दबाव डाला। ये उनकी तरफ से मेरे लिए एक ग्रीन सिग्नल था।

मैंने अपने पैरो के पंजे को उनकी गुलाबी चूत (Pink Pussy) पर रख दिया, तभी वो एक दम से उठी तो मैं डर गया। अब मैं निंद में होने के नाटक कर रहा था।

भाभी – दिलीप भैया उठो और आप प्लीज अपने रूम में चले जाओ।

मैं चुप चाप निंद से उठने का बहाना करके उनके कमरे से निकल कर अपने कमरे में आ गया। फिर मैंने भाभी के नाम की मुठ मारी और मैं सो गया। अब मैं किसी और मोके की तलाश में था।

तभी एक दिन हम सब परिवार किसी की शादी में गए, तब बहुत रात हो चुकी थी, हम सब लोग एक वैन के अंदर बैठ कर वापस आ रहे थे।

वैन में भाभी मेरे एक दम पास बैठी हुई थी, तो मुझे एक और मोका मिल गया था। मैं भाभी को अपने हाथ से धीरे-धीरे सहलाने लग गया।

धीरे धीरे सहलाने से शायद उनकी वासना की हवस उन पर चढ़ चुकी थी, कुछ समय बाद मैंने धीरे से अपनी एक उंगली उनके बूब्स पर लगाई। फिर जब मुझे लगा कि उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं है, तो मुझमे थोड़ी हिम्मत आई।

भाभी के बूब्स दबाने में मुझे बहुत मजा आ रहा था, क्योंकि उनके बूब्स पर अब मेरा हाथ बड़े आराम से जा रहा था।

इसको मैंने भाभी की तरफ से उनकी रजामंदी मानी, अब मैं उनके बूब्स को मसलने लग गया, इससे मेरी पैंट में मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था। मेरा मन कर रहा था, कि मैं अभी भाभी की चुदाई (Bhabhi Ki Chudai) शुरू कर दूँ। पर मैं अभी ऐसा नहीं कर सकता।

थोड़ी देर बाद हमारा घर आ गया, और मैने जाते ही भाभी के नाम की मुठ मारी और मैं सो गया। अब मैं भाभी को जल्दी ही चोदना चाहता था, तो मैं बहुत सोच समझ कर प्लान बनाने लग गया।

प्लान के हिसाब से एक दिन मैंने नहाते समय भाभी को अपना लंड खड़ा करके दिखा दिया। मैंने देखा कि भाभी की आँखें मेरे लंड को देख कर चमक उठी हैं।

अब जब वो दिन में सोती थी तो मैं धीरे से उनके पास जा कर सो जाता था, और उनके जिस्म को चुसने लगता था। दिनो दिन मैं अपनी हरकतें बढ़ाने लग गया, क्योंकि शुरू-शुरू में भाभी थोड़ा विरोध कर रही थी। पर अब उनका विरोध कम हो रहा था।

अब मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैं उनके बूब्स को रोज सोते समय दबाने लग गया, अब मैं भाभी की गुलाबी चूत को चोदना चाहता था और फिर मैंने एक और योजना बनाई।

मैंने एक देवर भाभी की सेक्स स्टोरी (Devar Bhabhi Ki Sex Story) अपने मोबाइल में डाउनलोड की और चुपके से भाभी के फोन पर वो डाल दी।

वो अब उन कहानियों को पढ़ने लग गई, उनका भी शायद अब मन होने लग गया था। फिर एक दिन जब मैं दिन के समय बाहर बैठा था, तो मैं उनके सोने का इंतजार कर रहा था।

तभी वो मेरे पास आई और बोली – मेरे कमरे में आओ मुझे कुछ काम है।

मैं उनके रूम में गया तो मैंने सोचा भाभी को शायद कुछ काम होगा। फिर उनके कमरे में जाकर हम दोनों बिस्तर पर बैठ गए, तभी उसने मुझे मोबाइल पर वो हिंदी सेक्स कहानी (Hindi Sex Kahani) की ऐप दिखाई और वो बोली- ये ऐप तुमने डाली है?

मैं- मुझे नहीं पता भाभी।

भाभी- खा मेरी कसम।

मैं – आपकी कसम खाने की क्या जरूरत है, मैं बोल रहा हूं ना नहीं डाली मैंने।

भाभी- आप रोज दिन में मेरे पास आ कर क्यों सो जाते हो?

मैं अंजान बनते हुए बोला – मैं कब सोया भाभी?

भाभी- आप सोते हो और मेरे बूब्स पर हाथ लगाते हो।

उनके मुँह से ऐसे शब्द सुन कर मैं शॉक हो गया, मैं बोला – मैंने कब हाथ लगाया?

भाभी – आख़िर आप मुझसे क्या चाहते हो?

मैं कुछ नहीं बोला।

भाभी- ये सेक्स स्टोरी आपने डाली है, ये मुझे अच्छे से पता है।

मैं अपने डर को कम करते हुए उनकी आंखों में देख कर बोला – देखो भाभी ये ऐप मैंने नहीं डाली है, और वैसे भी ये ऐप अच्छी है आप भी कहानी पढ़ लिया करो।

भाभी- हां वो तो है, इसमें मुझे भी इंटरेस्ट आ रहा है।

मैं – ये तो अच्छी चीज है, और मैं आपके पास इसलिए आता हूं क्योंकि मुझे आप पसंद हैं।

भाभी- अगर तेरे भैया को ये सब पता चल गया तो?

मैं- अरे भाभी ये बात मेरे और सिर्फ आपके बीच रहेगी, और आप पागल नहीं हो जो आप भैया को बताओगी।

भाभी- आपकी कोई गिलफ्रेंड है?

मैं- नहीं भाभी।

भाभी- अगर हो तो बता दो।

मैं- अरे भाभी नहीं है।

भाभी- अगर आपकी शादी हुई तो आप मुझे भूल जाओगे।

मैं- भाभी आप बहुत मस्त हो, आप तो मुझे बहुत पसंद हो।

ये कह कर मैंने अपना एक हाथ उनके पेट पर रख दिया, फिर मैं धीरे-धीरे उनके बूब्स को पर हाथ रख कर उन्हें सहलाने लग गया।

भाभी- पहले तुम दरवाजा बंद करो।

मैंने झट से उठ कर दरवाजा बंद कर दिया, और मैं भाभी के पास आ कर लेट गया। अब मैं उनके बूब्स को आज़ाद करने लग गया, फिर मैं उनके ब्लाउज को खोलने लग गया।

उनका ब्लाउज खोल कर मैं उनके मोटे बूब्स (Big Boobs) को मसलने लग गया, भाभी ने मेरे सर को अपने बूब्स की तरफ खींचा और वो मुझे अपना दूध पिलाने लग गई। करीब 10 मिनट के बाद मैंने उनका हाथ अपने लंड पर रख दिया।

भाभी मेरे लंड को ऊपर से ही सहलाने लग गई, फिर मैंने एक हाथ उनके नीचे डाल कर उनकी साड़ी को ऊपर कर दिया। तो मैंने देखा कि उन्होंने पैंटी नहीं पहनी हुई है, वो नीचे से पूरी नंगी थी।

उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, मैंने देर ना करते हुए उनकी चूत में अपनी 2 उंगली डाल दी। इससे भाभी मस्त हो रही थी, और वो बोली- उसको अंदर डालो ना।

मैं- किसको?

भाभी- अपने लंड को।

फिर मैंने भाभी की चुदाई के लिए उनके ऊपर आ गया, मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सेट किया और अंदर डालने लग गया।

पर मेरा लंड भाभी की चूत में जा नहीं रहा था, तो मैंने थोड़ी क्रीम ली और अपने लंड पर लगाया और उनकी चूत पर भी लगा दी।

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अब मेरा लंड अन्दर घुस गया, इस बार मेरा लंड उनकी चूत में चला गया। अभी मेरा आधा लंड ही अंदर गया था, कि वो चीख उठी और वो बोली – मुझे बहुत दर्द हो रहा था, प्लीज अपना लंड बाहर निकालो।

भाभी मुझे धक्का देने लग गई, पर मैं भी जोर लगा कर रुका रहा। मैं उनके बूब्स को चूसने लग गया, मैं उनका दर्द कम होने का इंतजार कर रहा था।

जैसे ही उनका दर्द कम हुआ तो मैंने एक और जोर झटका मारा और पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया।

उनको फिर से दर्द होने लग गया, तो मैं फिर से थोड़ी देर रुक गया। उसके बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू कर दिया।

अब मैं जोर जोर से धक्के मार रहा था, और मेरे लंड से पानी निकलने वाला था। तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उनके पेट पर मैंने सारा पानी निकाल दिया।

फिर हम दोनों कुछ देर तक लेटे रहे, भाभी ने कुछ देर बाद अपने कपड़े ठीक किये और वो बाहर चली गयी।

भाभी अब मेरी पक्की रंडी बन चुकी थी, भाभी की चूत चुदाई (Bhabhi Ki Chut Chudai) का मजा ही कुछ और होता है।

आपको मेरी ये मेरी सच्ची चुदाई की कहानी (Real Sex Story) कैसी लगी, प्लीज कमेंट करके जरूर बताना। धन्यवाद।

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