July 23, 2024
Anokhi Chudai Ki Dastan 2

नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सभी लोग, मैं साक्षी अपनी स्टोरी Anokhi Chudai Ki Dastan 2 में आप सभी का स्वागत करती हूँ। 

अगर अपने अभी तक हमारी पिछली कहानी Anokhi Chudai Ki Dastan 1 नहीं पढ़ी है तो पहले उसे जरूर पढ़े और इस देसी Family Sex Story का मजा लीजिए। 

इस हिंदी सेक्स स्टोरी के लेखक राकेश है और अब आगे की कहानी राकेश के शब्दों में है……..

दोस्तों जैसा की आप सभी को पहले से पता होगा की मेरा नाम शाहीन है, अभी मैं दिल्ली के Aerocity में एक बड़ी कंपनी में मैनेजर हूं।

दोस्तों बिना देरी के आपको इस देसी सेक्स कहानी पर लेकर चलता हूँ…… 

कमरे में घुसने के करीब 20 मिनट बाद सोहिल ने फातिमा के गालों को सहलाया। फातिमा के बदन में कोई हरकत नहीं हुई। उसने दोनों गालों को चूमा, होठों को भी चूमा, और फातिमा आराम से सोती रही। पहले उसने एक चूची पर एक हाथ रख कर धीरे से दबाया, और बोला-

सोहिल: उफ़, कितना बढ़िया लग रहा है छूने और दबाने में।

जब सोहिल ने देखा कि फातिमा की आंखों और शरीर में कोई हलचल नहीं थी, तो वो दोनों हाथों से चूचियों को दबाने लगा।

सोहिल: मुझे मालूम नहीं था, कि छूने को दबाने में इतना मज़ा आता है।

सोहिल अपने आप से बोल रहा था। अगर किसी को भी होश होता, तो उसकी बात साफ सुनाई देती।

थोड़ी देर दबाने के बाद सोहिल ने दोनों निपल्स को बारी-बारी से चुसा। फातिमा की बॉडी में तब भी कोई हलचल नहीं हुई।

आख़िर में वो अपनी मालकिन के जाँघों के बीच बैठा। थोड़ी देर झांटो भरी चूत को सहलाया। लेकिन उसको दिखाई नहीं दे रहा था कि राकेश अपना लोडा कहा डाल कर चोद रहा था। फिर उसने दोनो हाथो से झांटो को अलग किया। तब उसको मालिकिन की बुर की फांक दिखाई दी।

बुर के ऊपर हिसे पर एक छोटी किशमिश के जैसा कुछ दिख रहा था। सोहिल ने उसको धीरे से दबाया, इससे पहली बार फातिमा की बॉडी में हलचल हुई।

लेकिन वो फिर शांत हो गई। झांटो को अलग किये हुए उसने पहले एक हाथ की मिडिल फिंगर को बुर की लम्बाई पर ऊपर से नीचे कई बार किया, और उसकी मिडिल फिंगर चूत के छेद में घुसाने लगी।

सोहिल: यहीं जगह है जहां मालिक ने अपना लोडा घुसा के चोदा था।

सोहिल की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी। फिर सोहिल ने दूसरा सब काम छोड़ कर अपने को इस पोज में किया, कि लोडे का टोपा बुर के छेद में घुस जाए।

सोहिल: अगर ये कपड़ा भी बाहर कर दूं, तो मालकिन और भी सेक्सी दिखेगी।

सोहिल ने ये अपने आप से कहा। उसने साड़ी और पेटीकोट का गाँठ और फोल्ड को खोला, और पेटीकोट के नाड़े को खींचा। गांठ को ढीला किया, और दोनों कपड़ों को फातिमा की टांगों के जरिए बाहर करके नीचे फेंक दिया।

अब कमर के नीचे फातिमा बिल्कुल नंगी थी, और ऊपर ब्लाउज के दोनों पल्लू भी चूचियों से अलग थे।

इतने महीने से कोशिश करने के बाद भी राकेश ये काम नहीं कर पाया, सोहिल ने पहले ही मौके में कर दिखाया, और फातिमा को नंगा कर दिया।

सोहिल: कितना खूबसूरत और चिकना बदन है मालकिन का।

बोलते हुए दोनों हाथों से पैरों से लेकर कमर तक दोनों जांघो को 2-3 बार सहलाया।

सोहिल: देखो मालकिन का बदन कितना चिकना और कितना सुंदर है। एक बार मालिकन के बदन का स्वाद भी लेता हूँ।

सोहिल ने दोनों हाथों से झांटों को दोबारा अलग किया। पहले उसने हाथ से बुर को सहलाया, लेकिन इस बार उसने अपनी जीभ को क्लिट पर कई बार ऊपर से नीचे तक रगड़ा।

इतने महीने में घरवाला फातिमा की बुर का चुम्बन भी नहीं ले पाया, और सोहिल ने बुर को चाटा और बुर को चूमा भी। उसकी किस्मत, फातिमा के होठों पर हल्की सी मुस्कान आई, लेकिन आंख नहीं खुली

सोहिल ने सब मिला कर करीब 10-15 मिनट फातिमा के नंगे बदन को सहलाया, बुर को चाटा, और चूचियों को चूसा।

आख़िर में एक हाथ से लोडे को पकड़ कर बुर के छेद पर दबाया। दूसरे हाथ से एक चूची को दबाये रख कर एक धक्का मारा, और बिना किसी प्रतिरोध के लौड़ा बुर की रसीली और गर्म दीवारों के बीच घुसने लगा।

फ़िर सोहिल में कोई नियंत्रण नहीं रहा। कभी दोनों चूचियों को दबाचे हुए, तो कभी फातिमा के कांधे को पकड़ कर वो धक्का लगा रहा। लोडे की पूरी लंबाई बुर में जाती थी, और रिफ्लेक्स एक्शन से काम अपने आप ऊपर की तरफ उठती थी।

चुदाई किसी को सिखानी नहीं पड़ती, अपने आप सब हो जाता है। कुछ हल्के धक्के मारने के बाद उसने एक धक्का अपनी पूरी ताक़त से मारा।

फातिमा: आआह राकेश बहुत बढ़िया, और ज़ोर से धक्का मारो।

सोहिल को अपनी मालकिन की आवाज सुनायी दी। लेकिन उसकी आंखें तब भी बंद थीं। लेकिन आंखें बंद किये हुए ही फातिमा ने सोहिल को अपनी बाहों और जांघों से बांध लिया। सोहिल खुश हो कर और भी तेजी से लेकिन पूरी ताक़त से उसको पेलने लगा। फातिमा को फर्क मालूम पड़ा होगा।

फातिमा: राकेश, तुमने पहले कभी इतना बढ़िया नहीं चोदा।

और फातिमा ने आंखें खोल दी। कमरे में पूरी लाइट थी और फातिमा को बहुत मजा आ रहा था। उसने कमर और चूत ऊपर उठाई। फातिमा ने अपनी बाहों और जांघों का बंधन भी नहीं खोला।

फातिमा: हरामी, तुम क्या कर रहे हो? तू कब आया मेरे ऊपर? देख नहीं रहा कि बगल में मालिक है?

सोहिल ने अपनी स्पीड कम की, और धक्के की पावर को कम नहीं किया। पहले जैसा जमा-जमा कर पेलता रहा

सोहिल: मालकिन, अब कर रहा हूँ तो चोदने दो ना, आपने अभी कहा ना, कि मालिक ने इतना बढ़िया पहले नहीं चोदा। मैं बहुत किस्मत वाला हूं कि आज इलाके की सबसे खूबसूरत लड़की के साथ मेरी पहली चुदाई हो रही है।

फातिमा को खुद बहुत मजा आ रहा था। वो खुद नहीं चाहती थी कि सोहिल बुर से लौड़ा बाहर निकाले। उसको इसमें कोई परेशानी नहीं था, कि राकेश ने इतना बढ़िया कभी नहीं चोदा था, जैसे वो उसे छोटा लड़का चोद रहा था।

फातिमा: हरामी, तू गांव जा कर सबसे बोलेगा कि तुने मालिकिन को चोदा है।

सोहिल और ज़ोर से पेलता रहा, और साथ ही दोनों चूचियों को भी किस किया।

सोहिल: मालिकिन, उम्र में भले ही मैं छोटा हूं। लेकिन मुझमें भी अकल है। किसी भी दूसरे को मैं अपनी इस ख़ुश किस्मती के बारे में बोल कर आपको नहीं खोना चाहता हूँ। मालकिन, आप नहीं जानते कि आप मुझे कितनी ख़ुशी दे रही हैं।

फातिमा ने ये नहीं कहा कि सोहिल उसके पति से बहुत बढ़िया चोद रहा था।

फातिमा: झूठ नहीं बोलूंगी, मुझे भी बढ़िया लग रहा है, लेकिन सच-सच बता, तुझे ऐसा चोदना किसने सिखाया।

सोहिल ये सुन कर बहुत खुश हुआ कि फातिमा को भी उसके साथ की चुदाई बढ़िया लग रही थी।

सोहिल: मेरी प्यारी मालकिन, निदा को आप के अब्बू और दोनो काका के साथ चुदवाने से फुर्सत मिलेगी, तब ना किसी और से चुदवायेगी। मैंने आज पहली बार चुदाई देखी है, और मैंने वही किया जो मालिक आपके साथ कर रहे थे। मैं एक घंटे से ज्यादा समय से इस कमरे में हूँ।

सोहिल की बात सुन कर फातिमा एक टक उसे देखती रही।

सोहिल: मालकिन मैं तो गहरी नींद में था। लेकिन आपकी आवाज सुनी तो नींद खुल गई। आप ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी, “और ज़ोर से करो, और अंदर पेलो, बहुत मज़ा आ रहा है, करते रहो”। पहले तो मुझे समझ नहीं आया कि क्या हो रहा था।

सोहिल: फिर मैंने ध्यान से सुना तो मुझे आवाज इसी कमरे से आती हुई लगी। मैंने दरवाजे को धक्का दिया, और मेरी प्यारी मालकिन, मेरी जान, दरवाजा खुल गया। और उसके बाद मैंने देखा कि साहब का लौड़ा ऐसे ही आपकी बुर में अंदर-बाहर हो रहा था। फिर मुझे कुछ भी होश नहीं रहा। जान, आप अपने इस गुलाम से नाराज़ तो नहीं हैं ना?

सोहिल की बात सुन कर फातिमा जोर से खिलखिला कर हंसी।

सोहिल: जान, अल्लाह आपको हमेशा ऐसे ही खुश रखे। इतनी खुशियाँ दे, इतना धन दौलत दे, कि आप हमेशा ऐसे ही खिलाखिलाती रहें।

फातिमा ने लड़के की दुआ सुनी, लेकिन उसको भी मालूम नहीं था कि सोहिल ने जो कहा वो बहुत जल्दी सच होने वाला था।

फातिमा मुश्किल से अपनी हंसी को रोक पाई। सोहिल की बात सुन कर उसने फातिमा और राकेश को चुदाई करते देखा, फातिमा बहुत ज्यादा उत्साहित हो गई। और फिर वो वैसे ही सिसकारी, मस्ती की आवाज, और कराहने लगी, जैसी आवाज सुन कर सोहिल अंदर आया था।

फातिमा: उफ्फ सोहिल, तुमने मस्त कर दिया। अगर मुझे मालूम होता, कि तू इतना बढ़िया चोदता है, तो मैं पहले ही दिन से तुमसे चुदवाती हूँ। मेरी जान, बहुत मजा आ रहा है, ऐसे ही और दबा-दबा कर पेलते रहो। उफ्फ जान, तुमने अपनी जानू को मस्त कर दिया। मैं तुमसे बहुत खुश हूँ। बोल तुझे क्या इनाम चाहिए? आआअहह, बहुत मजा आया सोहिल, आअहह मैं गई।

सोहिल: जानू, मेरा भी रस निकल रहा है।

एक नौकर और मालकिन की पहली चुदाई, और दोनों साथ में झड़े। दोनों ने एक-दूसरे को खूब चूमा। और जब फातिमा बाथरूम जाने के लिए बिस्तर से उतरी, तब उसने देखा कि उसके बदन पर साड़ी और पेटीकोट नहीं था।

फातिमा: जान, जब तू इस कमरे में आया तो मैं ऐसी ही नंगी थी क्या?

सोहिल ने झूठ नहीं कहा।

सोहिल: नहीं जानू, आपके कमर में आपकी साड़ी और साया (पेटीकोट) बंधा था। लेकिन मुझे अपनी जान की प्यारी जाँघें और दुनिया की सबसे प्यारी बुर को प्यार करने में वो कपडे डिस्टर्ब कर रहे थे। इसलिए मैंने उन्हें आपके बदन से निकाल दिया। जानू, शायद आपको मालूम नहीं कि आप कितनी खूबसूरत और आकर्षण हैं।

जिस फातिमा ने अपने पति को एक बार भी साया बदन से निकलने नहीं दिया, वो अपने नौकर पर नाराज़ नहीं हुई जिसने पहले मौके में ही नंगा करके चोदा। ब्लाउज के सारे बटन खुले ही थे। फातिमा ने उसको भी बदन से बाहर निकाल दिया।

फातिमा: इसको क्यों रहने दिया? ब्लाउज़ भी बाहर निकाल देता।

फातिमा अपने से छोटे लड़के के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी।

सोहिल देखता रहा, और फातिमा अटैच्ड बाथरूम से फ्रेश होकर वापस आ गई। फ़िर वो बिस्तर पर लेट गई। उसने हाथ बढ़ा कर सोहिल के खड़े तगड़े लौड़े को पकड़ा।

सोहिल: जानू, चोदते समय ठीक से आपकी खूबसूरती नहीं देखी। अभी मुझे अपनी खूबसूरती और मदहोश करने वाली जवानी का रस पीने दो।

फातिमा ने लेटे हुए ही कमरे की लाइट बंद कर दी।

सोहिल: उफ़्फ़ मालकिन, इतनी निर्दयी (क्रूर) मत बनो।

फातिमा फिर ज़ोर से खिखिलाई, और उसने मैं लाइट ऑन कर दी। फातिमा का अंग-अंग चमक उठा। ऊपर से नीचे गुलाबी गोरे रंग के बीच बुर की झांटे लड़की को और भी खूबसूरत बना रही थी। फातिमा लोडा सहला रही थी, सोहिल ने झांटो को सहलाया।

सोहिल: जानू, अल्लाह ने ठीक ही किया है कि आपने इस दुनिया के सबसे अनमोल खजाने को घने बालों के बीच छुपा कर रखा है। बुर का छेद ढूंढने में मुझे बहुत टाइम लग गए थे। मुझे अपनी ख़ूबसूरती देखने दीजिए।

इसके आगे क्या हुआ इस Real Hindi Sex Story आपको इस कहानी के अगले भाग में पता चलेगा।

तब Hindi Sex Stories को पढ़ते रहे और अपने लंड को मसलते रहे।

और अगर आपको कहानी पसंद आई हो तो कमेंट करके जरूर बताये। धन्यवाद।

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