July 23, 2024
Khet Me Gand Marwai

हेलो दोस्तो, मैं आकाश आज आप सब के लिए अपनी लाइफ की एक खूबसूरत हिंदी गे सेक्स कहानी ले कर आया हूँ।

ये कहानी है Khet Me Gand Marwai की।

ये बात पिछले साल की गर्मियों की है, जब मैंने पहली बार अपनी गांड में लंड लिया था।

मैं एक गांडू हूं, ऐसा नहीं है, की मुझे चुत मरना पसंद नही है। मुझे लड़किया पसंद आती है,

पर मुझे चूत मारने से ज्यादा मजा गांड मरवाने में आता है।

पता नहीं कब से मेरा ध्यान लड़के की तरफ जाने लग गया था।

मैं दिल्ली से हूं, और आपको दिल्ली के लोगो का तो पता ही होगा।

वो कितने सुंदर और मजबूत शरीर वाले होते हैं, बस मुझे ऐसे ही मर्द ज्यादा पसंद आते हैं। 

क्योंकि उसका जिस्म और उनके लंड को चूस चूस कर पानी निकला मुझे बहुत मजा आता है।

पर जब कोई मेरे साथ जबरदस्ती करता है, या मुझे कोई गाली देता है।

तो मेरा दिल टूट जाता है, और मुझे बंदे से नफ़रत हो जाती है। पर दिल्ली में काफी कुछ ऐसे लोग हैं। 

जो मुझसे बड़े प्यार से बात करता है, और फिर मैं भी उन्हें पूरा खुश कर देता हूं।

मैं पूरी तरह से गांडू कॉलेज में आ कर ही बना, जब मैंने पहली बार अपने कॉलेज के एक चपरासी का लंड चूसा था।

तब से प्यार कॉलेज के चपरासी और सिक्योरिटी गार्ड का लंड चूस चुका हूं। 

उन्हें मेरी गांड मारने की बहुत कोशिश करनी, पर मैं अभी गांड मारने के लिए तैयार नहीं था।

मेरा सपना था, कि मेरी गांड को मजबूत शरीर वाला हरियावानी जात ही मारे। 

पर एक शहर के बहन चोद लड़के ने जबरदस्ती और धोखे से मेरी गांड मारी ली। 

आज मैं आपको वो ही कहानी बताने जा रहा हूँ।

हुआ ऐसे कि मैं एक दिन कॉलेज से घर वापस आ रहा था। मेरा घर गाँव में था, और मेरा कॉलेज रोहतक में है। 

इसलिए मुझे डेली बस से अप डाउन करना पड़ता है। 

उन दिनों बहुत गर्मी शुरू हो चुकी थी, बस में भी काफी तकलीफ होने लग गई थी।

एक दिन में कॉलेज से एक घंटा पहले निकल लिया, क्योंकि जहां कोई लेक्चर नहीं लगाने वाला था। 

( Khet Me Gand Marwai )

इसलिए मैं समय से पहले घर की तरफ निकल लिया, मैंने कहाँ से बस पकड़ी और बस में चढ़ गया।

Khet Me Gand Marwai

बस में काफी दर्द था, लोग बस में इस प्रकार कर भरे हुए थे।

मैं धीरे-धीरे आगे बस में बिच में आ गया, और एक सीट के किनारे खड़ा हो कर। 

उसकी तरफ अपनी गांड लगा कर खड़ा हो गया। 

आपको पता ही है, बस में सीट के किनारे खड़े होना भी काफी आराम वाला सफर माना जाता है।

गर्मी के कारण बस में भी गर्मी थी, पर जैसे ही बस आगे 2 बस स्टैंड पर रुकी तो उसमें और लोग चढ़ गए।

 अब तो ये हाल हो चुका था, कि बस में बिना लेना भी मुश्किल हो रहा था।

गर्मी के कारण बस में सब पसीने से नहा रहे थे। पूरी बस में पसीने की बदबू फेली हुई थी।

मुझे लग रहा था, कि मैं नरक में आ चुका हूँ।

पर हमारे घर बाहर का ये भी एक रूप है। फ़िर बस एक और बस स्टॉप पर रुकी।

मुझे इस बार बहुत गुस्सा आया, क्योंकि एक तो पहले से ही लोग कुत्तों की तरह बस में भरे हुए थे।

और ये बस ड्राइवर बहन चोद और बंधे चढ़ने में लगा हुआ था। पर जहां से सिर्फ एक लड़का बस में चढ़ा।

वो लड़का एक पटाला सा था, और वो बस में चढ़ते ही धीरे-धीरे मेरे पास आने लग गया। 

( Khet Me Gand Marwai )

और कुछ ही देर में मेरे पास आ कर वो मेरे पीछे खड़ा हो गया।

देखने में वो करीब 20 साल का लग रहा था, उसका रंग सांवला था। और उसका शरीर भी ठीक ही था। 

उसने एक बिस्तर अपने कंधों पर टांगा हुआ था, उसने एक टी शर्ट और एक लोअर डाली हुई थी। 

सर और चेहरे पर उसने एक सफेद रंग का कपड़ा बंदा हुआ था।

हमें कपड़े दिल्ली में पहनने चाहिए। अगर आपने दिल्ली के लोगो को देखा होगा। 

तो उन्हें धूप और गर्मी से बचाने के लिए ये कपड़ा जरूर अपने सिर पर रखा होता है। 

इसलिए मुझे उसका चेहरा कुछ ठीक से दिख नहीं रहा था।

वो पूरा पास से भीगा हुआ था, और ऊपर से वो इस गर्मी से भरी हुई बस में आ गया था। 

क्या बस में आते ही उसका गरमी से और ज्यादा बुरा हाल हो गया था। 

हम दोनों आपस में भिड़ गए और एक दूसरे से चिपक गए।

जिस वजह से मुझे उसके पसीने से भीगी टी शर्ट की बदबू आ रही थी। 

मेरा बैग उसकी लोअर के पास लटका हुआ था। जब मैंने अपना एक हाथ रखा हुआ था। 

मेरे हाथ की उंगली उसके लंड पर कभी कभी चू रही थी।

मुझे ये सब पागल कर रहा था, अब मैं भी गरम हो रहा था। मेरे अंदर काम वासना आ रही थी।  

फिर तभी बस ने अचानक से ब्रेक मारी और मेरा हाथ अब उसके पूरे लंड पर चला गया। 

मैंने झट से पीछे मुड़ कर देखा तो उसने मुझे एक सेक्सी सी स्माइल कर दी।

जिसे देख कर मैं समझ गया, उसका उपयोग भी इस सब में मजा आ रहा था। 

अब जान भुज कर बार बार अपनी उंगली उसके लंड पर लगा रहा था। 

पर तभी उसने मेरा बेग पकड़ कर आगे कर दिया। 

जिसे किसी को ना दिखे कि मैं बार-बार उसका लंड पकड़ रहा था।

अब की बार जेसे ही मैंने अपना हाथ उसके लंड पर रखने की कोशिश की। 

तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी लोअर के अंदर डाल लिया। 

जेसे ही उसका लंड मेरे हाथ में आया, मैं तो पागल हो गया।

मैंने उसे एक बच्चा समझ रखा था, पर उसका लंड एक दर्द और बड़े मर्द की तरह मोटा और लंबा था।

फिर वो मेरे पास आ गया, और मैं उसके लंड को धीरे-धीरे ऊपर नीचे कर रहा था।

मैं उसके अंडरवियर में ही उसके लंड की मुँह मार रहा था। इसमें मुझे बहुत मजा आ रहा था।

फ़िर वो मेरे पास आया और मेरे गांड को मसलने लग गया।

( Khet Me Gand Marwai )

वो- कहाँ उतरना है तुमने?

मैं- बस अगले वाले स्टॉप पर।

वो – ठीक है, मैं भी तुम्हारे साथ ही चलूंगा अब।

ये सुनते ही मैं खुश हो गया, और मैंने उसके लंड को अपने शुद्ध हाथ में ले कर मसल दिया।

जिसे उसके मुँह से एक दम आआहह की आवाज़ निकल गयी।

इतने में मेरा बस स्टॉप आ गया, और फिर मैं धीरे-धीरे जा कर बस से नीचे उतर गया।

वो मुझसे चिपक कर मेरे पीछे-पीछे आता रहा। और आख़िर में हम बस से नीचे उतर गए।

वो- मेरा नाम रोहित है.

मैं- मेरा नाम आकाश है.

रोहित- तुम तो बहुत गरम और सेक्सी गांड के मालिक हो।

मैं- हां वो तो मैं हूं.

रोहित- ये गांड मरवाना कब शुरू किया तुमने?

मैं- मैं गांड नहीं मारता, सिर्फ लंड चूसता हूं।

रोहित- क्यों गांड मरवाने में क्या दिक्कत है तुम्हें?

मैं- मुझे अपनी गांड पहला लंड एक दिल्ली वाले का लेना है।

रोहित – क्यों उन्होंने ऐसा क्या है.

मैं- वो काफी दमदार और तकाने वाले होते हैं।

आशु – क्यों मेरा लंड दमदार नहीं है.

मैं- नहीं तुम और तुम्हारा लंड सच में मुझे काफी अच्छा लगा।

रोहित- क्यों?

मैं- एक तो तुम्हारा लंड काफ़ी बहुत बड़ा और सेक्सी है। और तुम मुझे इस लिए दर्द लगे,

क्योंकि तुमने अभी तक मुझे कोई गाली नहीं दी। वर्ना हर कोई मुझे माँ बहन की गली दे कर ही बात करता है।

Khet Me Gand Marwai

पर तुम सच में मुझे बहुत अच्छा लगा।

रोहित- चलो वो सब तो ठीक है। अब ये बातो की गांड खा रही है?

मैं- गांड नहीं सिर्फ तुम मेरा मुँह ही चोदोगे तुम।

रोहित- ठीक है. अब बातो चलना कहां है.

मैं- यहीं पास में ही हमारे खेत है. वहाँ चलते है.

धीरे धीरे अँधेरा होने वाला था. जल्दी हम खेतो में आ गए. जहां एक जगह देखी जगह चारो तरफ बड़ी झड़िया थी।

उसने जब आते ही अपना कपड़ा नीचे जमीन पर बिछा दिया।

और खुद अपने निचले हिस्से को नीचे करके उपयोग पर लेट गया।

उसका लंड करीब 8 इंच का था. जो ऊपर आसमान की तरफ देख रहा था।

( Khet Me Gand Marwai )

मेरे मुँह में उसके लंड को देख कर पानी भर गया। मैंने नीचे बैठ गया और उसकी दोनों तांगे खोल कर उसके बीच में बैठ गया।

मैंने अपना मुँह खोला और उसका लंड जोर जोर से मुँह में भर कर चूसने लग गया।

जेसे ही मैंने उसका लंड मुँह में लिया, तो वो पागल हो गया। और उसके मुँह से आहह आहह की आवाज़ निकलने लग गयी।

मैं जोर जोर से रंडी की तरह उसका लंड चूस रहा था।

मेरे मुँह की थूक से उसका पूरा लंड गीला हो गया था।

फिर मैंने उसके लंड को अपने दोनों हाथो में पकड़ा और जोर जोर से ऊपर नीचे करने लग गया।

मैंने उसकी गेंदों को भी हाथ में पकड़ कर मसल रहा था..

मेरी ये हरकत उसे बर्दाश्त नहीं हुई। जिस वजह से उसने मेरा मुँह पकड़ा और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया।

उसने अपना तांगे उठा कर मेरे बगीचे पर रख दी। जिसका मैं लंड चाहता भी अपने मुँह से निकल नहीं पा रहा था।

रोहित अपनी गांड को उठा-उठा कर मेरा मुँह चोद रहा था। वो अपनी चरम सीमा पर आ गया,

और फिर मेरे मुँह में उसके लंड के पानी की पिचकारियाँ निकलने लग गयी।

जब उसके लंड का सारा पानी मेरे मुँह में निकल गया। तब उसने मेरा मुँह चोदा।

मैंने उसके लंड का सारा पानी थूक कर बाहर निकाल दिया, फिर वो बोलो।

रोहित- चलो अब तुम लेट जाओ, मैं तुम्हारा लंड भी चूसता हूँ। तुम्हारा भी दिल करता होगा ना.

उसके मुँह से ये सुन कर मैं खुश हो गया और अब मैं उसकी जगह लेट गया आशु ने मेरी जींस अंडरवियर के साथ निकल दी।

मेरा 5 इंच का लंड उसने अपने हाथ में ले लिया, और ऊपर नीचे करने लग गया।

मुझे बहुत मजा आ रहा था. फिर उसने मेरे लंड को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया।

मैं बहुत गरम हो गया था, मुझे लगा कि बस मेरा होने वाला है।

पर तभी उसे बहन चोद ने मुझे पलट दिया, और वो अपना लंड मेरी गांड में डालने लग गया।

मैं समझ गया कि वो मेरी गांड मारने वाला है।

मैं – छोड़ो मुझे ये गलत है, देखो पहले ही हमारी बात हुई थी मैं नंगे हूं।

पर अब वो साला कहाँ मेरी सुनने वाला था। उसने मेरी जबरदस्त गांड को चोद दिया।

और फिर वो लंड मेरे मुँह में डाल कर मुझे चुसवा चुसवा कर मेरे मुँह में उसका पानी निकाल दिया। जिसे मुझे जबरदस्ती पीना पड़ा।

दोस्तो आपको मेरी ये पहली गांड चुदाई केसी लगी, ये मुझे जरूर बताना।

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